"मारपीट व जबरन जमीन कब्जा करने का लगा आरोप" उरई (जालौन):- प्रदेश के आका मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश के पुलिस मुखिया डीजीप...
"मारपीट व जबरन जमीन कब्जा करने का लगा आरोप"
उरई (जालौन):- प्रदेश के आका मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश के पुलिस मुखिया डीजीपी विजय कुमार प्रदेश में राम राज्य लाने और माफियाओं पर लगाम लगाने के लिए चाहे जितने सख्त तेवर अपना ले और चाहे जितने बुल्डोजर चलवा ले लेकिन उनके अधीनस्थ ही उनकी मंशा को पलीता लगाने में कोई कोर कसर छोडना नही चाहते है जिसकी एक बानगी जनपद में उस समय देखने को मिली जब एक पीड़ित परिवार ने कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष सहित उनके साथियों पर मारपीट और जबरन जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाते हुए न्याय की गुहार लगाई।
बता दे कि सदर कोतवाली उरई के मु पटेल नगर उरई के निवासी लल्लू पुत्र पुनू ने जनपद के तेज तर्रार पुलिस अधीक्षक को एक शिकायती प्रार्थना पत्र देते हुए कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष अनुज मिश्रा सहित उनके साथियों पर मारपीट व जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाते हुए बताया है कि वह खाता संख्या 21 आराजी नम्बर 1122/2 रकवा 81 डिसमिल का राजस्व अभिलेखों में दर्ज मालिक काबिज है। पीड़ित ने आरोप लगाते हुए बताया कि कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष अनुज मिश्रा सहित उनके साथी उसकी जमीन पर कब्जा किये हुए है और दिनांक 20/06/2023 को पीड़ित की जमीन पर निर्माण कर रहे थे तो पीड़ित ने निर्माण करने से मना किया जिस पर कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष अनुज मिश्रा और उनके साथियों ने उसके साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी है। पीड़ित ने बताया कि उसके पुत्र और नातियों ने मौके पर आकर उसको बचाया है। इस मामले को लेकर सूत्रों का दावा है कि पूर्व जिलाध्यक्ष कांग्रेस के सदर कोतवाल उरई और जनपद में पुलिस के कई और जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों से अच्छे सम्बन्ध है जिसके बाद अब देखने लायक बात यह है कि पीड़ित परिवार द्वारा जनपद के पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाने पर अब उसको न्याय मिलता है या फिर जनपद के तेज तर्रार पुलिस अधीक्षक के सख्त तेवरों को ठेंगा दिखाकर सदर कोतवाल उरई और अन्य जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों द्वारा कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष से मैत्री सम्बन्ध निभाते हुए मामले को रफा दफा कर दिया जाएगा।
जनपद के कई सीओ पर भी लगे प्रश्न चिन्ह
- पीड़ित द्वारा दिये गए प्रार्थना पत्र में यह भी आरोप लगाया गया है कि ये लोग एसी/एसटी एक्ट में मामले में जेल भिजवाने की योजना बना रहे है जिससे यह स्पष्ट होता है कि पीड़ित व उसके परिवार पर फर्जी एससी/एसटी एक्ट का मामला दर्ज कराने की योजना बन रही है लेकिन एससी/एसटी एक्ट के मामले में विवेचना क्षेत्राधिकारी रैंक के अधिकारी द्वारा किया जाना प्राविधानित है जिसको लेकर सूत्रों का दावा है कि पूर्व जिलाध्यक्ष कांग्रेस अनुज मिश्रा की जनपद के कई क्षेत्राधिकारी से अच्छी खासी जान पहचान है और घनिष्ठ सम्बन्ध है जिसको लेकर अब जनपद के कई क्षेत्राधिकारी की कार्यशैली पर भी प्रश्न चिन्ह लग रहे है कि पूर्व जिलाध्यक्ष कांग्रेस से मैत्री सम्बन्ध निभाने के लिए क्या एक पीड़ित को फर्जी एससी/एसटी एक्ट के मामले में जेल भेजा जा सकता है। जिसका जबाब भविष्य के गर्त में छिपा है।
चप्पल कांड में भी ख्याति प्राप्त कर चुके पूर्व जिलाध्यक्ष
- मारपीट और जबरन जमीन पर कब्जा करने के मामले में चर्चा में आये कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष अनुज मिश्रा सन 2020 में भी छेड़छाड़ में आरोप में दो युवतियों द्वारा सरेआम चप्पल मसाज किये जाने पर भी बहुत सुर्खियां बटोर चुके है और जिसके सम्बंध में थाना कोतवाली उरई में अपराध संख्या 814/2020 पर समुचित धाराओं में मामला भी पंजीकृत हुआ था। इस मामले को लेकर सूत्रों की माने तो उनका दावा है कि चप्पल कांड के बाद से जनपदवासियो द्वारा इनको दबी जुवान से चप्पलबाज नेता के नाम से भी सम्बोधित किया जाने लगा है।
कई अन्य मामले सहित गैगस्टर का मामला भी है पंजीकृत
- सूत्रों की माने तो सूत्रों का दावा है कि कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष अनुज मिश्रा के विरुद्ध पूर्व में भी संगीन धाराओं में कई मामले दर्ज है जिनमे से थाना कोतवाली उरई में अपराध संख्या 103/2023 पर धारा 2/3 गैगस्टर एक्ट में दर्ज मामला प्रमुख है।
जिला अपराध संवाददाता
एटीवी न्यूज लाइव
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