पूरे यूपी में Ghaziabad ही एक ऐसी कमिश्नरेट है जहाँ Crpc की धारा 156(3) में दर्ज हुए मुकदमें की प्रेस रिलीज जारी की जाती है और उस रिलीज के...
पूरे यूपी में Ghaziabad ही एक ऐसी कमिश्नरेट है जहाँ Crpc की धारा 156(3) में दर्ज हुए मुकदमें की प्रेस रिलीज जारी की जाती है और उस रिलीज के एक लाइन लिखी जाती है कि इससे पूर्व थाने पर कोई प्रार्थना पत्र नही दिया गया था।
जबकि कानूनन थाने और एसपी/डीसीपी के आदेश पर मुकदमा दर्ज नही होता तो ही crpc की उपरोक्त धारा के तहत रिपोर्ट होती है, माननीय कोर्ट इस पर थाने से आख्या मांगता है तत्पश्चायत रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश जारी होते हैं।
पुलिस कमिश्नरेट क्या इस मामले में सोशल मीडिया पर प्रेस नोट जारी कर माननीय न्यायालय एवं संबंधित सक्षम मजिस्ट्रेट पर क्या सवाल खड़ा करना चाहते है? अपितु इस प्रेस नोट के जारी करने के पीछे की असल वजह कोई है तो साझा किया जाए। FIR दर्ज करने के आदेश न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा है।
COMMENTS