कांग्रेस के वरिष्ठ आदिवासी नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम की फाइल फोटो कांग्रेस पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा देने की अटकलों के ...
कांग्रेस पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा देने की अटकलों के बीच दैनिक भास्कर ने वरिष्ठ आदिवासी नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम से बातचीत की। उन्होंने जल्द ही कांग्रेस से इस्तीफा देने की बात कही है। हालांकि उन्होंने कांग्रेस हाईकमान पर तंज कसते हुए कहा है कि पार्टी से तो मैं इस्तीफा दूंगा ही, लेकिन कांग्रेसी कहीं ये न कह दें कि मैं तो पार्टी का मेंबर हूं ही नहीं।
अरविंद नेताम ने कहा कि वो कांग्रेस के सदस्य हैं या नहीं, इसे कांग्रेस आलाकमान साफ कर दे। उन्होंने कहा कि अगर मैं सदस्य हूं, तो इस्तीफा देने जाऊंगा, लेकिन पहले ये बात साफ होनी चाहिए कि कांग्रेस पार्टी मुझे मेंबर मानती है या नहीं। उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस में हूं या नहीं, यह मेरे लिए दुविधा की बात है।
सूत्रों के अनुसार, अरविंद नेताम रायपुर पहुंच चुके हैं। किसी भी वक्त कांग्रेस से इस्तीफा दे सकते हैं। बता दें कि अरविंद नेताम ने बस्तर की सभी सीटों समेत कुल 50 सीटों पर आदिवासी समाज से प्रत्याशी उतारने का एलान किया था, जिसके बाद से ये कयास लगाए जा रहे थे कि वे कांग्रेस छोड़ सकते हैं।
अरविंद नेताम ने दैनिक भास्कर को फोन पर बताया कि रायपुर में हुए कांग्रेस अधिवेशन के बाद उन्हें कांग्रेस ने शोकॉज नोटिस जारी किया था, जिसका जवाब उन्होंने एक हफ्ते के भीतर दे दिया था, लेकिन आज 6 महीने के बाद भी कांग्रेस आलाकमान ने अपना निर्णय उन्हें नहीं बताया है। उन्होंने कहा कि पार्टी में रखना है या बाहर करना है, ये निर्णय कांग्रेस ने अब तक नहीं लिया है।
कांग्रेस प्रदेश प्रभारी कुमारी सेलजा से भी उन्होंने फोन पर जल्द निर्णय बताने का आग्रह किया था। लेकिन अब तक जवाब नहीं आया है। ऐसे में अब अरविंद नेताम ने खुद निर्णय लेने की बात कही है। बता दें कि अरविंद नेताम पहले भी कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके हैं और फिर से पार्टी में शामिल हो गए थे, लेकिन भानुप्रतापपुर उपचुनाव में उन्होंने खुलकर आदिवासी समाज के प्रत्याशी के पक्ष में काम किया था, जिसके बाद उन्हें नोटिस जारी किया गया था।
|| 1996 में उन्हें कांग्रेस से निकाला गया था ||
अरविंद नेताम, इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार में कृषि राज्य मंत्री रह चुके हैं। पहली बार 1996 में उन्हें कांग्रेस से निकाला गया था। 2012 में वे फिर पार्टी में आए। 2018 में पार्टी के सत्ता में आने के बाद अरविंद नेताम का रुख आदिवासी मुद्दों पर विपक्ष की तरह मुखर रहा। उधर, सालभर पहले कांग्रेस ने राजनीतिक मामलों की समिति की घोषणा की थी। इस समिति से अरविंद नेताम को पहले ही हटा दिया गया था।
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