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नमस्कार
मीडिया मित्र (प्रेस) में मीडिया रिपोर्टर बनकर करोडो रूपये कमाने का सुनहरा अवसर भारत में कही से भी पत्रकार बनकर |
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प्रबंधक – मीडिया मित्र नेटवर्क
मीडिया मित्र परिवार आन्दोलन
हम अपनी शुरुआत एक बहुत बड़े मुद्दे से कर रहे हैं. हमारा मुद्दा है; सरकारी अधिकारियों और पुलिस को औकात में लाना. इसके लिए हमने एक दस सूत्रीय विधेयक प्रस्तावित किया है, जिसे हमें संसद और सभी विधानसभाओं में पास करना है.
1- पुलिस सहित सभी सरकारी अधिकारियों को मिला कानूनी संरक्षण तत्काल खत्म करना होगा. अगर उनके किसी सरकारी कार्य-कलाप द्वारा या उनके द्वारा किये गए विलम्ब से किसी व्यक्ति या संस्था की कोई हानि होती है, तो ये सरकारी अधिकारी उस क्षतिपूर्ति के लिए व्यक्तिगत तौर पर जिम्मेदार होंगे.
2- सरकारी कामकाज में बाधा डालने का प्रावधान एकतरफा और बदमाशी से भरा हुआ है. इस प्रावधान में सुधार कर इसको ऐसा बनाना चाहिए कि अगर कोई सरकारी अधिकारी इस गंभीर आरोप को किसी पर लगाता है तो उसे इसके लिए पर्याप्त साक्ष्य मुहैया कराने होंगे और उस अधिकारी को उस मुकदमे की हर सुनवाई में व्यक्तिगत तौर पर जाना होगा.
3- पुलिस सहित तमाम सरकारी अधिकारियों को जनता से कैसे बात करना है, इस आशय का एक कम्युनिकेशन कोड सरकार को जारी करना चाहिए. इस कम्युनिकेशन कोड द्वारा यह तय किया जाए कि सरकारी अधिकारी जनता को जब भी संबोधित करें, चाहे वो कोई अभियोगी ही क्यों न हो, उसे संबोधित करते हुए मिस्टर, सर, श्रीमान, श्रीमती, जनाब आदि जैसे आदरसूचक शब्दों का अनिवार्य तौर पर हर वक्त इस्तेमाल करें. इन अधिकारियों के मुंह से जनता के लिए निकला हुआ एक भी असम्मानजनक शब्द उनकी बर्खास्तगी के लिए और उन्हें 6 महीने की जेल भेजने के लिए काफी होना चाहिए.
4- स्टिंग ऑपरेशन को प्रथम दृष्ट्या आधार मानकर पुलिस सहित सभी सरकारी अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए.
5- किसी भी सरकारी अधिकारी को किसी भी मुद्दे पर जनता अगर आवेदन देती है, तो वह अधिकारी तत्काल उसकी रिसिविंग दे. उस पर ये अंकित हो कि उस समस्या का समाधान किस न्यूनतम समय सीमा में किया जाएगा. रिसिविंग देने वाला अधिकारी उस समय सीमा में काम पूरा करने के लिए जिम्मेदार माना जाएगा. अगर उस समय सीमा में काम पूरा नहीं हुआ तो संबंधित व्यक्ति अथवा संस्था को हुई क्षति की पूर्ति वह अधिकारी निजी तौर पर करेगा. कोई भी अधिकारी रिसिविंग देने से मना नहीं कर सकता. ऐसा होने पर उसका 6 माह का निलंबन तय हो.
6- हर 3 साल बाद पुलिस सहित सभी सरकारी अधिकारियों की अक्षमता और निष्क्रियता, जानबूझ कर किये गए भेदभाव, भाई-भतीजावाद तथा भ्रष्टाचार के लिहाज़ से पूरी जांच होनी चाहिए. अक्षमता और निष्क्रियता की हालत में बर्खास्तगी, जानबूझ कर भेदभाव करने पर बर्खास्तगी के साथ-साथ जेल, भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार करने पर बर्खास्तगी के साथ-साथ लम्बी कैद होनी चाहिए. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जो जितने बड़े पद पर आसीन हो, उसे उतनी कड़ी सजा मिलनी चाहिए.
7- पुलिस सहित हर सरकारी कर्मचारी या अधिकारी को 10 अंकों की एक यूनिक ID सरकार द्वारा प्रदान की जानी चाहिए. ये यूनिक ID उस व्यक्ति के नाम और पदनाम के साथ बड़े अंकों में उस व्यक्ति के बैज या नेमप्लेट पर और साथ ही साथ उसके दफ्तर के बाहर बड़े डिस्प्ले बोर्ड पर हर वक़्त दिखनी चाहिए. जनता को यह सुविधा प्राप्त हो कि वो जिसकी चाहे उसकी शिकायत उस ID की बुनियाद पर कर पाये. पर झूठी शिकायतें करने वाले को भी कड़ा दंड मिले.
8- पुलिस हर हाल में 6 महीने के अंदर चार्जशीट दाखिल करने के लिए बाध्य हो. अगर पुलिस द्वारा चार्जशीट नहीं फाइल की जाती है तो उस पुलिस अधिकारी का 6 महीने के लिए निलंबन होना चाहिए. हालांकि उचित तो यह भी होगा कि न्यायालय भी एक मुकदमे को एक साल में निपटा दे, परन्तु फिलहाल के लिए हम ये चाहते हैं कि अगर कोई अभियुक्त अदालत द्वारा बरी कर दिया जाता है और अभियुक्त के बरी होने वाले ऐसे तीन मामले अगर किसी पुलिस अधिकारी के कैरियर में 5 साल के भीतर आते हैं, तो उस पुलिस अधिकारी की बर्खास्तगी और 6 महीने की जेल सुनिश्चित हो.
9- पुलिस द्वारा बल प्रयोग पर सख्त अंकुश हो. अगर कोई व्यक्ति स्वेच्छा से सहयोग कर रहा हो तो उसे हथकड़ी पहनाना सम्बंधित अधिकारी द्वारा उस व्यक्ति की मानहानि मानी जानी चाहिए. पुलिस जब भीड़ पर लाठी चार्ज करती है, तो उस दौरान जैसे ही कोई व्यक्ति रक्षात्मक मुद्रा में चला आता है, तो उस पर एक भी लाठी नहीं पड़नी चाहिए. अगर उस व्यक्ति पर एक भी लाठी अतिरिक्त पड़ती है, तो उस पुलिस वाले पर भी वही मुकदमा चलेगा जो किसी के द्वारा किसी को लाठी मारने पर चलता है.
10- तमाम जांच और पूछताछ कैमरे के सामने होनी चाहिए. कोई भी बातचीत जो कैमरे से हटकर हुई हो, उसे पुलिस द्वारा की गई अवैध कार्रवाई मानकर संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
खास मांगें (Special Demands)
जनतांत्रिक मूल्यों की स्थापना के लिए
1. AFSPA के इस्तेमाल को “Rarest of Rare” मानते हुए जम्मू-काश्मीर को छोड़कर देश के बाकी सभी जगहों से हटाया जाए. जम्मू-काश्मीर में भी धारा 370 अगर हटती है, तो वहां से भी हटाया जाए.
2. आतंकवाद और उग्रवाद से लड़ने के लिए AFSPA की जगह एक ऐसा कानून लाया जाए, जिसमें, Case-to-Case Basis पर IPS स्तर के किसी अधिकारी द्वारा, किसी खास क्षेत्र की बजाय किसी व्यक्ति अथवा संस्था के खिलाफ इस्तेमाल करने की अनुमति दी जाए, पर ऐसे किसी कानून का इस्तेमाल करने के पहले वह अधिकारी सम्बंधित उच्च न्यायालय, मुख्यमंत्री कार्यालय, सर्वोच्च न्यायालय और प्रधानमंत्री कार्यालय को पूरा कारण बताएगा.
सैनिकों, अर्द्धसैनिकों और पुलिस के लिए
1. आतंकवाद, नक्सलवाद और राष्ट्रीय अथवा क्षेत्रीय विप्लव के कारण अगर अर्धसैनिक बल या पुलिस के किसी सदस्य की जान जाती है, तो उसे भी सैनिकों के समान शहीद का दर्जा मिलना चाहिए
2. अर्धसैनिक बलों की जो पेंशन 2004 में बंद हो गयी थी, उसे पुरानी पॉलिसी को अपनाते हुए, दुबारा चालू करो.
3. रेजिमेंटेल फण्ड योगदान से बने फण्ड, मेस के रुपये बचाकर किये गबन और केन्टीन के प्रॉफिट के पैसे का जो गबन हो रहा हें उसपर तत्काल रोक लगे और अब तक जितना घोटाला हो चुका है, उनकी निष्पक्ष बाहरी जाँच कर, दोषियों को अविलम्ब दंड दिया जाए.
4. सेना और अर्द्धसैनिक बलों में बहुत सारी अज्ञात और अनजान मौतें हुई हैं, जिन पर पर्दा डाल दिया गया है. उन मौतों की निष्पक्ष बाहरी जाँच कर, दोषियों को अविलम्ब दंड दिया जाए.
5. सेना और अर्द्धसैनिक बलों में अब तक जितने भी भ्रष्टाचार के मामले सामने आये हैं, या दबे हुए हैं, उनकी निष्पक्ष बाहरी जाँच कर, दोषियों को अविलम्ब दंड दिया जाए.
6. सेना और अर्द्धसैनिक बलों में क्लॉथिंग्स के नाम पर जो मैटेरियल मिलता हें, वो अत्यंत निम्न दर्जे का होता हें. असल में यह एक बहुत बड़ा घोटाला है. इसे रोकने के लिए पुलिसवालों की तरह सेना और अर्द्धसैनिक बलों के सदस्यों को भी नकद दिया जाये.
7. ‘वन रेंक वन पेंशन’ की पॉलिसी अर्धसैनिक बलों के लिए भी लागू करो.
8. सेना ओंर अर्द्धसैनिक बलों में जवानों और अफसरों का एक ही मेस होना चाहिए.
9. सेना ओंर अर्द्धसैनिक बलो में सेवादारी की प्रथा तुरंत समाप्त करो.
10. भ्रष्टाचार के खिलाफ उठने वाली तेजबहादुर यादव की निर्दोष आवाज को जिस बेरहमी से बर्खास्तगी के रूप में क़त्ल किया गया, वह अत्यंत शर्मनाक और इस सिस्टम के द्वारा जनता और जवानों के मुंह पर एक तमाचा है. वहीँ दूसरी तरफ गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री तथा हमारे देश के मौजुदा प्रधानमंत्री ने पिछले लोकसभा चुनाव में, जिस शरद पवार को देश का सबसे भ्रष्ट नेता बताया तथा उन्हीं की पार्टी के ढेर सारे लोगों ने और N N Vohra Committee ने जिस शरद पवार को दाऊद इब्राहीम का दूसरा चेहरा बताया, उसी शरद पवार को PMO की तरफ से, सभी नामांकित नामों को हटा कर, खास तौर पर पद्मविभूषण दिया गया. हमारी मांग है कि तेजबहादुर यादव से माफ़ी मांगते हुए, उन्हें ससम्मान BSF में तत्काल वापस लो तथा शरद पवार से पद्मविभूषण तत्काल वापस लो और शरद पवार के खिलाफ अभियोग पत्र दाखिल करते हुए उसे देश-द्रोह के आरोप में फाँसी के फंदे तक पहुँचाओ.
मीडिया मित्र क्या है ?
ना मै पत्रकार हूँ ना ही कानून का विद्यार्थी
ना मैंने राजनीती की पाठशाला में कोई इम्तिहान दिया है
मीडिया के गणित का आर्यभट्ट हूँ मै
कलम की कल्पना का सचित्र चित्र हूँ मै
मीडिया मित्र हूँ मै.......................
अपराधियों को सजा दिलवाने
बेगुनाहों को इंसाफ दिलाने आ रहा हूँ मै ||
अब हिंदुस्तान बोलेगा इंसाफ की भाषा ||
मीडिया मित्र (हर जगह,हर समय) एक देशव्यापी आंदोलन, जो पीड़ितों की पीड़ा और एकाकीपन को हरने की और आँसू पोंछने के लिए चल रहा है।
हमारा सिद्धांत-
सत्यमेव जयते
हमारा उद्देश्य-
“कानून ना तोड़ेंगे ना तोड़ने देंगे”
समाज सुधार के लक्ष्य-
सभी जातियों को एक जुट कर आरक्षण ख़तम कराना गरीवी के आधार पर आरक्षण
जाती धर्म के नाम से राजनीती की बात करने वाले के लिए सजा का प्रावधान |
एक ऐसी सामाजिक मुख्यधारा का निर्माण करना, जिसमें वैज्ञानिकता हो, तार्किकता हो, हर व्यक्ति की गरिमा हो तथा हर नागरिक राष्ट्र के लिए हो और राष्ट्र भी हर नागरिक के लिए हो
संपत्ति, निजी की बजाय परिवार की होनी चाहिए. इस एक कदम से समाज को ढेर सारी समस्याओं से निजात मिल जायेगी
दहेज़ प्रथा तीन तलाक जैसी कुप्रथाओं को समाज से हटाकर महिलाओं को सम्मान और उनको बराबरी का हक़ दिलाना |
हिन्दू मुस्लिम के नाम पर राजनीती करने बालों पर कठोर कार्यवाही का प्रावधान |
भुखमरी के खिलाफ एक जुट लड़ना और सरकार द्वारा उन सभी की हर संभव मदद करना जिन स्थानों पर वृद्धाश्रम नहीं है वहां वृद्धाश्रम खुलवाना |
बालश्रम को बंद कराकर उनके अच्छी शिक्षा हेतु प्रेरित कर उन्हें स्कूल मंक दाखिला दिलाना |
विद्धालयों में रेंगिग छेड़छाड़ और गुंडागर्दी करने बालों की शिक्षा पर आजीवन रोक लगाना और 5 साल की सजा का प्रावधान |
नशामुक्ति हेतु शराब सिगरेट तम्बाकू पर पूरे देश में बेचने और खाने पर प्रतिबन्ध
भ्रष्टाचार को मिटाने हेतु सभी सरकारी कार्यालयों में सीसीटीवी कैमरे लगवाये जाएँ और उनके घर से लेकर पर्सनल मोबाइल बगारह सर्विलांस पर लगवाये जाये जिससे वो घर ही नहीं बहार भी घूंस न ले सके मीडिया को उन सर्विलांस और कैमरों को देखने की इजाजत दी जाये |
गावं और शहर में गरीबों को राशन पेंशन दवाई शिक्षा पानी बिजली को सरकार द्वारा मुफ्त मुहैया कराया जाये |
सरकारी व गैर सरकारी शिक्षा संस्थानों में हो रही शिक्षा के नाम पर लूट मार को बंद कराकर शिक्षको और प्रबंधको हेतु दंड का प्रावधान हो
सभी सरकारी व गैर सरकारी पत्रकारों को समस्त सरकारी व गैर सरकारी सुविधाओं के साथ साथ वरिष्ठ पत्रकारों को सुरक्षा और खोजी पत्रकारों को आंतरिक सुरक्षा प्रदान की जाये |
देश विरोधी नारे लगाने और भारत माता, जवान, किसान पर विवादित टिप्पड़ी करने बालों को आतंकवादियों को पनाह देने बालों को देशद्रोही घोषित कर उनकी नागरिकता समाप्त कर गैर जमानती आजीवन सजा का प्रावधान हो
महिलाओं द्वारा झूठे रेप केस लगाने और झूठे छेड़छाड़ लगाने बाली लड़कियों और महिलाओं को सजा का प्रावधान हो
महिलाओं को खुलेआम अश्लील वस्त्रों के पहनावे पर रोक लगे उन्हें अपने धर्म के हिसाब से शादी के बाद वस्त्रों कोपहने और उनके बार क्लब में जाने को भी रोक लगायी जाये जिससे हमारी संस्कृति को बचाया जा सके |
व्यवस्था सुधार के लक्ष्य-
दिन-रात दोषियों को खोजने की प्राथमिकता रखने वाली व्यवस्था (सरकारी तंत्र) को बदल कर पीड़ितों के आंसू पोछने की प्राथमिकता वाली व्यवस्था (सरकारी तंत्र) की स्थापना
व्यवस्था को निरपेक्ष, जिम्मेदार और पारदर्शी बनाना
न्यायपालिका और कार्यपालिका में आमूल-चूल सुधार
जांच-अनुसंधान, न्यायप्रक्रिया और दंडसंहिता में आमूल-चूल बदलाव.
वंचितों और पीड़ितों की जरूरतों को पूरा करना करना व्यवस्था की प्राथमिकता होनी चाहिए
जनसँख्या नियंत्रण व्यवस्था की प्राथमिकता होगी. इसके लिए एक बहुत सुन्दर फ़ॉर्मूले को अपनाया जा सकता है. दो से अधिक बच्चे पैदा करने वाले को तमाम सरकारी सब्सिडीज से महरूम कर दिया जाएगा, और दो के बाद के जितने भी बच्चे पैदा हों, वो सरकार गोद ले ले. ऐसे किसी बच्चे की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जायेगी और उसका लालन-पालन बिना किसी धार्मिक और जातीय पहचान के केवल और केवल देश के लिए होगा
शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों का पूर्ण सरकारीकरण. कुछेक अपवादों को छोड़कर, देश में डिग्री प्राप्त लोगों को ही सरकारी नौकरी अर्हता हो. हर सरकारी अथवा न्यायिक-अधिकारी के लिए देश में ही अपने बच्चों को शिक्षा प्रदान करने की अनिवार्यता. हर सरकारी अथवा न्यायिक-अधिकारी के लिए देश में ही अपने तथा अपने परिवार के लिए इलाज कराने की अनिवार्यता.
मीडिया मित्र परिवार की कार्यशैली-
हम हर एक जिले में मीडिया मित्र केंद्र के नाम से मीडिया मित्र परिवार की शाखा स्थापित कर रहे हैं।
हर एक जिले के मीडिया मित्र परिवार का अपना हेल्पलाइन नंबर होता है।
पर, महानगरों में जिले का फॉर्मूला लागू नहीं होता, हर महानगर का अपना मीडिया मित्र परिवार होता है।
किसी भी जिले केमीडिया मित्र परिवार के हेल्पलाइन नंबर का इस्तेमाल करने के लिए आपका रजिस्टर होना अनिवार्य है
रजिस्ट्रेशन के सात दिन बाद ही आप हेल्पलाइन नंबर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
इस्तेमाल करना बड़ा आसान है।
पहले तरह का इस्तेमाल है –
जब भी कभी सरकारी तंत्र या पुलिस आपकी बात को अनसुना करती हो तो आप अपने प्रतिनिधि परिवार के फ़ोन नंबर पर एक मिस कॉल भर कर दें।
वहां से एक कॉल बैक आएगा, जिसे रिसीव कर आपको अपनी समस्या संक्षेप में 20 सेकंड के अन्दर रिकॉर्ड करनी होती है।
आपके द्वारा समस्या की रिकॉर्डिंग पूरी होते ही आपकी समस्या आपके जिले के मीडिया मित्र परिवार के जिम्मेदार लोगों तक पहुँच जाती है।
जो उस समस्या पर तत्काल बिना कोई समय गंवाए कार्रवाई करते हुए सम्बंधित एसपी या डीएम के साथ मीडिया और सोशल मीडिया हर जगह भेज देता है।
संबंधित एसपी या डीएम से तुरंत कार्रवाई करने को कहा जाता है, अगर उचित कार्रवाई उनके द्वारा नहीं की गयी तो 15 मिनट के बाद सभी उच्चाधिकारियों को मामले को प्रेषित कर दिया जाता है।
मीडिया मित्र परिवार हर हालत में हर समस्या को हल करने के लिए जी-जान लगा देता है।
आवश्यकता पड़ने पर पीड़ित व्यक्ति के आस-पास मौजूद सभी मीडिया मित्र परिवार के सदस्यों को तत्काल पीड़ित व्यक्ति के पास भेजा जाता है।
सरकारी तंत्र से पीड़ा के अलावा मीडिया मित्र परिवार का कोई भी सदस्य अगर अन्य बहुत सारे सामाजिक-आर्थिक कारणों से बहुत पीड़ित हो तो भी उसी हेल्पलाइन नंबर का इस्तेमाल करते हुए समस्याओं का निबटारा किया जाता है।
मीडिया मित्र परिवार से कैसे जुड़ें?
मीडिया मित्र परिवार से जुड़ने की इच्छा रखने वाले हर एक व्यक्ति को अपने आप को पंजीकृत करना पड़ता है और 750 रुपये की शुरूआती आर्थिक भागीदारी देनी होती है।
इसके बाद की कोई भी आर्थिक भागीदारी सदस्य की स्वेच्छा पर निर्भर करता है।
मीडिया मित्र स्वरोजगार योजना अपनाने के लिए अपने जिले/महानगर के हेल्पलाइन नंबर पर मिस कॉल करने के अलावा 9882041753 पर भी मिस कॉल करें|
जो लोग आर्थिक तौर पर बिल्कुल विपन्न हैं और आर्थिक भागीदारी करने में असमर्थ हैं, उनके लिए कोई भी शुरूआती अनिवार्य आर्थिक भागीदारी नहीं है।
अगर आप मीडिया मित्र परिवार से नहीं जुड़े हुए हैं तो आपको सिर्फ इतना करना है कि सम्बंधित जिले अथवा महानगर के मीडिया मित्र परिवार के नंबर पर मिस कॉल भर कर दें, बाकी की प्रक्रिया हम आपको खुद समझा देंगे।
मीडिया मित्र परिवार का हिस्सा बनें-
जुड़ने के लिए मिस कॉल कीजिए अपने जिले के संबंधित नंबर पर। इसके लिए क्लिक करें
अपने जिले/महानगर के हेल्पलाइन नंबर की सूची के लिए मिस कॉल करें – 8278731091, 9882041753
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