"रात ग्यारह बजे चोरों ने मारी इंट्री, बेखौफ हो किया शिकार" "क्राइम कण्ट्रोल में फैल कोंच कोतवाल, जनता कैसे रहेगी सुरक्षित&quo...
"रात ग्यारह बजे चोरों ने मारी इंट्री, बेखौफ हो किया शिकार"
"क्राइम कण्ट्रोल में फैल कोंच कोतवाल, जनता कैसे रहेगी सुरक्षित"
"बातचीत में अपने ही व्यान में फंसते नजर आए कोंच कोतवाल"
चित्रांश विकास श्रीवास्तव
कोंच (जालौन) :- प्रदेश के आका मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश के पुलिस मुखिया विजय कुमार द्वारा कानून व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए किए जा रहे प्रयासों के चलते पुलिस का प्रोत्साहन बढाने के पुलिस विभाग में समय समय पर चाहे जितनी पदोन्नति के साथ साथ जनपद के पुलिस कप्तान भी जनपद में क्राइम कंट्रोल को सुदृढ़ करने के लिए चाहे जितनी लेट नाईट ब्रीफ़िंग्स कर लें लेकिन उनके प्रयास फलीभूत होते नजर नही आ रहे है। जिसकी एक बानगी तब देखने को मिली जब एक बार फिर एक कोतवाली क्षेत्र में क्राइम कंट्रोल को सलामी देते हुए बेखौफ चोर दुकानों को अपना शिकार बनाकर वहां से निकल गए।
बता दे कि अभी हाल ही में एनडीपीएस के मामले में कोंच कोतवाली पुलिस द्वारा पकड़े गए आरोपी पवन यादव उर्फ बंजारा ने पहले तो पुलिस अभिरक्षा से फरार होकर और उसके बाद दूसरी बार पुलिस को भनक लगे बगैर शहर की मुख्य सड़क पर बेखौफ स्ट्रीट वॉक करते हुए कोतवाली पहुंचकर दोबार कोंच कोतवाल के क्राइम कंट्रोल का मखौल उड़ाया था वो मामला अभी जनचर्चा में ठंडा हुआ भी नही था कि रविवार की रात्रि में एक बार फिर कोंच कोतवाल के क्राइम कंट्रोल को चोरों ने सलामी देते हुए नगर के रहायशी क्षेत्र में बेखौफ विचरण कर दुकानों को अपना शिकार बनाया है और ताज्जुब की बात तो यह है कि चोर दुकानों को शिकार बनाने बाद माल लेकर निकल भी गए और क्राइम कण्ट्रोल के कंट्रोलर कोतवाल कोंच नागेंद्र पाठक के नुमाइशी क्राइम कण्ट्रोल के दावे की पोल खोलकर उसको खोखला साबित कर गए।
रात ग्यारह बजे चोरों ने मारी इंट्री, बेखौफ हो किया शिकार
- सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक चोरों द्वारा कुल चार दुकानों को अपना शिकार बनाया जिसमें एक नया पटेल नगर निवासी नीरज अग्रवाल की ब्लॉक कार्यालय के सामने नदीगांव रोड स्थित दुकान से 25 हजार रुपये नगद, 15 हजार के कूपन और करीब 25 हजार की कीमत का दुकान का सामान, दूसरी दुकान गांधी नगर निवासी अरविंद राठौर की गैरेज से तीन बैटरी, गैस टँकी व इंजन पार्ट्स कुल सामान करीब 70 हजार रुपये, तीसरी दुकान मुहल्ले के ही निवासी राजेन्द्र अग्रवाल की है जो दुकान में छोटी आढ़त चलाते है उनकी दुकान से चोरों ने 50 किलो गेंहू की बारी चुराई शेष बोरी दुकान के बाहर ही छोड़कर चले गए इसी के साथ चोरों ने चौथी दुकान कल्लू प्रधान को भी अपना शिकार बनाकर ताले तो चटकाए लेकिन शटर नही खोल पाए। सूत्रों की माने तो उक्त चोरी घटना एक सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है जिसमे चोरों की इंट्री 11 बजे की दिखाई दे रही है जिससे यह तो स्पष्ट हो रहा है कि चोरों ने रहायशी क्षेत्र में बेखौफ होकर चोरी की और माल लेकर फुर्र हो गए और क्राइम कण्ट्रोल का दावा करने वाले कोंच कोतवाल को चोरी के क्लू क्लियर करने के लिए चोरी में प्रयुक्त करने वाले प्लास, लोहे का नुकीला पतला सरिया और टूटे ताले छोड़ गए है।
क्राइम कण्ट्रोल में फैल कोतवाल कोंच, जनता कैसे रहेगी सुरक्षित
- कोंच कोतवाली क्षेत्र में बैक टू बैक क्राइम कण्ट्रोल का मखौल उड़ाने वाली घटनाओं ने जहां कोंच कोतवाल के क्राइम कण्ट्रोल के खोखले दावे की पोल खोलकर रख दी है वही यह भी बखूबी साबित कर दिया है कि कोतवाल कोंच नागेंद्र पाठक क्षेत्र में क्राइम कण्ट्रोल कर पाने में फैल हो गए है और ऐसे में सवाल यब उठने लगा है कि प्रदेश की योगी सरकार में सुरक्षा का भरोसा रखने वाली जनता क्राइम कण्ट्रोल में फैल कोतवाल के क्षेत्र में सुरक्षित कैसे रहेगी। सूत्रों की माने तो क्राइम कण्ट्रोल में फेल होने के साथ साथ कोतवाल कोंच गांधी ब्रांड का चश्मा लगाकर फर्जी मामले दर्ज करने और आरोपियों को बचाने में भी मंझे हुए खिलाड़ी है जो मौका देकर चौका मार लेते है।
बातचीत में अपने ही व्यान में फंसते नजर आए कोंच कोतवाल
- जब सीसीटीवी में कैद हुई चोरी की घटना के इस मामले को लेकर कोंच कोतवाल नागेंद्र पाठक से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पुलिस अभी चोरों का पता नही लगा सकी है साथ ही साथ जब उनसे कुछ समय पूर्व नगर के भूतेश्वर मंदिर से हनुमान जी बब्बा की मूर्ति चोरी के मामले पूछा गया कि उस मामले में आपने मूर्ति तो बरामद कर ली थी लेकिन चोर का कुछ पता चला या नही तो उन्होंने कहा कि मूर्ति चोरी नही हुई थी उसको वहां से हटा दिया गया था लेकिन क्लू न मिल पाने के कारण उसको जेल नही भेजा जा सका जिसके बाद सवाल यह उठता है कि जब क्लू मिला ही नही है तो आप किस आधार पर मूर्ति चोरी को नकार कर मूर्ति को वहां से हटाने की बात की पुष्टि कर रहे है। इस प्रकार की बयानबाजी खुद भी कोतवाल कोंच की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा रही है।
COMMENTS