आरोपियों का कहना है कि नाबालिग को चोटें सीढ़ियों से गिरने के कारण लगी हैं. (फ़ोटो/आजतक) मनीषा शर्मा 27 सितंबर 2023 (अपडेटेड: 28 सितंबर 20...

पुलिस के मुताबिक नाबालिग के दांत टूटे हुए हैं, शरीर पर जलने के निशान हैं, नाक की हड्डी टूटी है और जीभ पर गहरे घाव भी हैं. नाबालिग का आरोप है कि कपड़े उतारकर उसे पीटा जाता था. आरोपियों का कहना है कि चोटें सीढ़ियों से गिरने से लगी हैं.
असम में सेना के एक अधिकारी और उनकी पत्नी को अपनी नाबालिग हाउस हेल्प को प्रताड़ित करने और गंभीर चोटें पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. पुलिस के मुताबिक नाबालिग के दांत टूटे हुए हैं, शरीर पर जलने के निशान हैं, नाक की हड्डी टूटी है और जीभ पर गहरे घाव भी हैं. नाबालिग का आरोप है कि कपड़े उतारकर उसे पीटा जाता था. भूखा रखा जाता था. जब वह खाना मांगती थी, तो उसे कूड़ेदान से खाना निकालकर दिया जाता था. वहीं आरोपियों का कहना है कि नाबालिग को चोटें सीढ़ियों से गिरने के कारण लगी हैं.
इंडिया टुडे के संवाददाता सारस्वत कश्यप की रिपोर्ट के मुताबिक सेना के अधिकारी की पहचान मेजर शैलेन्द्र यादव के रूप में हुई है. फिलहाल वो हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में तैनात हैं. दो साल पहले वो दीमा हसाओ में तैनात थे, वहां उन्होंने हाफलॉन्ग की रहने वाली किम्मी राल्सन से शादी की थी. काफ़ी समय बाद उन्होंने वहां एक नाबालिग लड़की को बच्चों की देखभाल के लिए काम पर रखा था. बाद में उनका ट्रांसफर पालमपुर हुआ तो वो नाबालिग को भी अपने साथ ही ले आए.
24 सितंबर को नाबालिग वापस अपने परिवार के पास असम लौटी तो उसने बताया कि उसके साथ क्या-क्या हुआ है. बाद में पुलिस में शिकायत हुई, FIR दर्ज हुई. मेजर और उनकी पत्नी को गिरफ़्तार किया गया.
रिपोर्ट के मुताबिक नाबालिग ने आरोप लगाया है कि उसके कपड़े उतारे गए और उसे तब तक पीटा गया जब तक कि वह लहूलुहान नहीं हो गई. उसे अपना खून चाटने के लिए भी कहा. उसने कहा,
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"उन्होंने मुझे एक कमरे में बंद कर दिया, मेरे बाल खींचे और मुझे पीटा. मालकिन मेरे काम से खुश नहीं थी. मुझे बेलन से पीटती थी. मेरे कपड़े उतरा देती थी. फिर पीटती थी और उन्होंने मुझे अपना खून चाटने के लिए भी मजबूर किया.''
वहीं मेजर और उनकी पत्नी ने सभी आरोपों को खारिज किया है. उन्होंने कहा है कि बच्ची को ये चोटें सीढ़ियों से गिरने के कारण लगी हैं.
16 साल की बेटी बुज़ुर्ग दिखने लगी!लड़की की मां ने इंडिया टुडे को बताया कि जब उनकी बेटी घर आई तो मुश्किल से वो लोग उसे पहचान सके. उन्होंने कहा,
"मेरी बेटी केवल 16 साल की थी लेकिन एक बुजुर्ग महिला की तरह दिखने लग गई है. जब वह घर आई तो उसके दांत टूटे हुए थे और उसके चेहरे पर जलने के निशान थे, उसके कान कटे हुए थे और उसे बोलने में दिक्कत हो रही थी."
इंडिया टुडे के संवाददाता सारस्वत कश्यप की रिपोर्ट के मुताबिक नाबालिग का असम के हाफलॉन्ग सिविल अस्पताल में इलाज चल रहा है. उसका मेडिकल परीक्षण भी करवाया गया है. दीमा हसाओ पुलिस ने IPC की धारा 326 (स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाना), 374 (बलपूर्वक मजदूरी करवाना), 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल लगाना), 506 (आपराधिक धमकी), 370 (गुलामी) और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.
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