उरई (जालौन):- सदर कोतवाली क्षेत्र में संचालित गैस गोदाम के एक कर्मचारी ने कुछ समय पूर्व संदिग्ध परिस्थितियों में आत्महत्या कर लेने के सम्बंध...
उरई (जालौन):- सदर कोतवाली क्षेत्र में संचालित गैस गोदाम के एक कर्मचारी ने कुछ समय पूर्व संदिग्ध परिस्थितियों में आत्महत्या कर लेने के सम्बंध में दर्ज मामले की विबेचना के दौरान साक्ष्य संकलन के आधार पर पुलिस द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद आरोपी पूर्व ब्लॉक प्रमुख को मंगलवार की शाम को कोतवाली क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया था और जब पुलिस उनको आवश्बयक एवं निर्धारित कानूनी प्रक्रिया के तहत चिकित्सीय परीक्षण, फिंगर प्रिंट व रिमांड के लिए लेकर गई तो उनके समर्थकों ने उग्र होकर जमकर नारेबाजी की जिसके चलते पुलिस बड़ी मशक्कत के बाद पूर्व ब्लॉक प्रमुख को जेल तक लेकर पहुंच पाई और उसके बाद पुलिस के द्वारा मामला दर्ज कर लिया गया है।
बता दे कि गत 11 जुलाई को सदर कोतवाली क्षेत्र के ग्राम बोहदपुरा स्थित भारत गैस गोदाम में गोदाम इंचार्ज बुद्धसिंह द्वारा संदिग्ध परिस्थितियों में आत्महत्या कर ली गई थी जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर साक्ष्य संकलन किया था और फिर 13 जुलाई को मृतक की पत्नी श्रीमती पूजा पटेल की तहरीर और एक आत्महत्या पत्र के आधार पर भारत गैस एजेंसी के कार्यालय प्रभारी दिलीप तिवारी और पूर्व ब्लॉक प्रमुख सुदामा दीक्षित पर आत्महत्या के लिए उकसाने (प्रेरित करने) का मामला दर्ज किया गया था। जैसे ही यह मामला दर्ज हुआ था तो इस मामले को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया था और इस मामले को राजनीतिक रंजिश का अंग बताया जाने लगा था और चाय की चर्चा से लेकर सोशल मीडिया तक सुदामा दीक्षित के निर्दोष होने के दावे होने लगे थे और इसी के साथ पूर्व ब्लॉक प्रमुख सुदामा दीक्षित की धर्मपत्नी श्रीमती नम्रता तिवारी ने भी सोशल मीडिया पर एक वीडियो के जरिये अपने पति के राजनीतिक विरोधी पर बिना नाम लिए निशाना साधा था और पुलिस प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मार्मिक अपील की थी चूंकि मामले में आरोपित किये गए सुदामा दीक्षित पूर्व ब्लॉक प्रमुख होने के साथ साथ जिले के एक बड़े राजनीतिक परिवार का अंग भी है और मामले को राजनीतिक रंजिश पर रंग चढ़ जाने के कारण पुलिस भी इस मामले में बिना किसी गुणवत्तापूर्ण और ठोस साक्ष्य के कोई कार्यवाही करने से बच रही थी जिसके चलते पुलिस ने विवेचना को जारी रखा और संकलित साक्ष्य की विश्वनीयता और गुणवत्ता को भी परखने में कोई जल्दबाजी नही दिखाई और करीब ढाई माह से चल रही विबेचना में पुलिस द्वारा ठोस साक्ष्य संकलन करने उपरांत 26 तारीख को पूर्व ब्लॉक प्रमुख सुदामा दीक्षित को गिरफ्तार कर लिया गया और सुरक्षा की दृष्टि से उनको पुलिस लाइन ले जाया गया। पूर्व ब्लॉक प्रमुख को गिरफ्तार कर लिए जाने की खबर पूरे जिले में आग की तरह फैल गई और उनके समर्थकों में रोष व्याप्त हो गया। जिसके बाद पुलिस लाइन और सोशल मीडिया पर उनके समर्थकों की उपस्थिति दर्ज होन शुरू हो गई और हर कोई सुदामा दीक्षित के निर्दोष होने और राजनीतिक रंजिश के कारण फँसाये जाने की बात को जोर देने में लगा गया। इसके बाद सुबह वो भी समय आ गया गिरफ्तार किए गए पूर्व ब्लॉक प्रमुख को न्यायालय के समक्ष पेश करने से पूर्व पुलिस को निर्धारित कानूनी प्रक्रिया के तहत उनका चिकित्सीय परीक्षण कराने ले जाना था तो जैसे ही पुलिस पूर्व ब्लॉक प्रमुख को लेकर जिला अस्पताल पहुंची तो वहां पर शक्ति प्रदर्शन के लिए सैकड़ों की संख्या में मौजूद पूर्व ब्लॉक प्रमुख के युवा समर्थकों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारे बाजी शुरू कर दी जिस पर अतिरिक्त पुलिस फोर्स बुलाया गया और समर्थकों को समझा बुझाकर शांत कराया गया तो समर्थक शांत हो गए लेकिन पुलिस को यह नही मालूम था कि यह शांति अभी तूफान के पहले की शांति है और इन समर्थकों ने पूर्व ब्लॉक प्रमुख के समर्थन में आगे और भी कुछ ज्यादा करने की ठान रखी है इसके बाद पुलिस चिकित्सीय परीक्षण कराकर पूर्व ब्लॉक प्रमुख को न्यायालय के समक्ष पेश करने पहुंची तो समर्थकों ने न्यायालय के अन्दर परिसर में भी जमकर नारेबाजी की और उग्ररूप दिखाया लेकिन पुलिस ने अपनी सूझ बूझ का परिचय देते हुए शांतिपूर्ण ढंग से रिमांड स्वीकृत करवाया और फिंगर प्रिंट कराकर पूर्व ब्लॉक प्रमुख को जेल भेजने के लिए जब पुलिस न्यायालय से बाहर आने लगी तो नारेबाजी कर रहे समर्थक अपने सुदामा भैया को जेल जाता देखकर उग्र हो गए जिसके चलते समर्थकों व पुलिस के बीच नोकझोक भी हुई, लेकिन अब पुलिस स्थिति को सामान्य और शांतिपूर्ण रखकर पूर्व ब्लॉक प्रमुख को जेल तक ले जाना पुलिस के लिए मुश्किल काम होता जा रहा था क्योंकि पुलिस को अभी इस बीच पूर्व ब्लॉक प्रमुख को फिंगर प्रिंट के लिए अंगुष्ठ छाप कार्यालय पुलिस लाइन के पास भी लेकर जाना था। जब पुलिस पूर्व ब्लॉक प्रमुख के फिंगर प्रिंट कराकर जेल भेजने के लिए न्यायालय से पुलिस लाइन लेकर जा रही थी तब भी उनके समर्थकों को ऐसा लग रहा था कि हम लोगों के प्रदर्शन से शायद सुदामा भैया को अभी भी छोड़ा जा सकता है तो उन्होंने सुदामा के पक्ष में शक्ति प्रदर्शन जारी रखते हुए जमकर नारेबाजी की लेकिन पुलिस अपनी सूझबूझ से स्थिति को नियंत्रित रखते पूर्व ब्लॉक प्रमुख को सुरक्षित जेल तक ले गई और बाद में उपनिरीक्षक विनीत कुमार की लिखित तहरीर पर सुदामा दीक्षित के 26 नामजद और 250 अज्ञात समर्थकों के विरुद्ध सरकारी कार्य मे बाधा डालने सहित कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
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साइंटिफिक और टेक्निकल साक्ष्य संकलन के बाद हुई गिरफ्तारी- एएसपी
- पूर्व ब्लॉक प्रमुख की गिरफ्तारी के मामले में अपर पुलिस अधीक्षक असीम चौधरी द्वारा जानकारी दी गई कि करीब ढाई माह पूर्व सदर कोतवाली क्षेत्र में संचालित एक गैस गोदाम के कर्मचारी ने संदिग्ध अवस्था के आत्महत्या कर ली थी जिसके बाद पुलिस जांच करने पहुंची थी तो पुलिस को साक्ष्य संकलन के समय एक आत्महत्या पत्र मिला था और उसके बाद पुलिस ने आत्महत्या पत्र और मृतक की पत्नी की तहरीर के आधार पर मामला पंजीकृत करके विबेचना शुरू की थी और फिर साइंटिफिक और टेक्निकल साक्ष्य संकलन करने व हैंड राइटिंग एक्सपर्ट से आत्महत्या पत्र के बारे में राय लेने के बाद जो साक्ष्य आये है वो गैस गोदाम संचालक के विरुद्ध आये है तब यह गिरफ्तारी हुई है और उन्होंने यह भी बताया कि पूर्व ब्लॉक प्रमुख के समर्थकों को समझा बुझाकर यह भी बताया गया था कि यह न्यायालय की प्रक्रिया है कि बेल दी जाए या न दी जाए और उनको बताया गया था कि आप उचित माध्यम से न्यायालय में अपनी कार्यवाही शुरू करें।
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युवा समर्थकों ने राजनीतिक चर्चाओं के बाजार को किया गर्म
- कहा जाता है कि किसी के दिल पर राज करना सबसे मुश्किल काम है लेकिन पूर्व ब्लॉक प्रमुख सुदामा दीक्षित के समर्थन में उमड़ी युवा समर्थकों की भीड़ ने जिले में उनके शक्ति प्रदर्शन के साथ साथ उनकी युवाओं के दिल पर राज करने की तस्वीर को भी उजागर कर दिया है भले जी एक बुजुर्ग राजनीतिक संरक्षक की अनुपस्थिति में उनके युवा समर्थकों ने उग्र होकर पुलिस से नोक झोंक कर ली हो लेकिन उनके सुदामा दीक्षित के प्रति समर्पण ने जिले के राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं के बाजार को गर्म भी कर दिया है।
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